Jharkhand Urja Sancharan Nigam Limited (JUSNL) was set up in January 2014 and is registered under the companies Act, 1956. JUSNL started functioning as transmission licensee in Jharkhand since 06.01.2014. The Company owns Extra High Voltage Transmission system and operates about 4003cktkms (approx.) of intra state transmission lines at 400 kV, 220 kV, 132 kV level and 40 nos. of substations with transformation capacity of 6005 MVA.JUSNL have taken various initiatives for achieving the vision of “Power to All” in the state of Jharkhand:
Addition of new Grid Substation and Associated Transmission Lines under State Government funded Scheme.
Addition of new Grid Substation and Associated Transmission Lines under World Bank funded Scheme.
Addition of new Grid Substation and Associated Transmission Lines under PPP (Public Private Partnership) Scheme.
District Wise Upcoming/Proposed Grid Substation under Various Schemes:
1)In Ranchi District, 3 grid substations under World Bank funded scheme and 3 grid substations under PPP schemes.
2)In Dhanbad, 3 grid substations under State Government funded scheme and 2 grid substations under PPP schemes.
3)In Hazaribagh, 3 grid substations under state funded schemes and 2 grid substations under PPP schemes.
4)In Simdega, 2 grid substations under World bank funded scheme and 1grid substation under PPP scheme.
5)In Saraikela Kharsawan, 2 grid substation under World bank funded scheme and 1 grid substation under PPP scheme.
6)In east Singhbhum, 3 grid substations under World bank funded scheme and 1 grid substation under PPP scheme.
7)In Dumka, 3 grid substations under World bank funded scheme and 1 grid substation under PPP scheme.
8)In Deoghar, 1 grid substation under World Bank funded scheme and 2 grid substations under PPP scheme.
9)In Palamu, 3 grid substations under World Bank funded scheme.
10)In Latehar, 2 grid substations under world bank funded scheme.
11)In Garhwa, 3 grid substations under world bank funded scheme.
12)In Chatra, 2 grid substations under state funded scheme.
13)In Bokaro, 2 grid substations under state funded and 1 grid substation under PPP scheme.
14)In Khunti, 2 grid substations under PPP schemes.
15)In Ramgarh, 2 grid substations under state funded and 1 grid substation under PPP scheme.
16)In Pakur, 1 grid substation under World Bank funded scheme.
17)In Koderma, 1 grid substation under PPP scheme.
18)In Giridih, 1 grid substation under state funded scheme.
19)In Jamtara, 1 grid substation under World bank funded scheme.
20)In West Singhbhum, 1 Grid substation under PPP schemes.
21)In Gumla, 1 grid substation under World Bank funded scheme.
District Wise Upcoming/Proposed Grid Substation under Various Schemes
Suggestions are invited from Citizens if additional power grid substations are required.
I REE CONSTRUCTION INDIA PRIVATE LIMITED 5 years 2 weeks ago
want to congratulate the government of Jharkhand and their efforts to spread electricity with maximum determination.
However I wanted to drive attention that in some area people's are engaging in illegal practice by hooking the current from main power transmission wire.
Bhawna 5 years 2 weeks ago
बैठक में एपीडीआरपी पार्ट-बी के तहत धनबाद, बोकारो व देवघर में बिजली संरचना सुदृढ़ करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गयी है. देवघर में 45 करोड़ रुपये खर्च होंगे. यहां बाबा मंदिर परिसर के आसपास के सारे इलाकों में अंडरग्राउंड केबल लगाये जायेंगे. वहीं धनबाद में 150 करोड़ व बोकारो में 60 करोड़ की लागत से नयी बिजली संरचना तैयार की जायेगी.
Bhawna 5 years 2 weeks ago
बैठक में एपीडीआरपी पार्ट-बी के तहत धनबाद, बोकारो व देवघर में बिजली संरचना सुदृढ़ करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गयी है. देवघर में 45 करोड़ रुपये खर्च होंगे. यहां बाबा मंदिर परिसर के आसपास के सारे इलाकों में अंडरग्राउंड केबल लगाये जायेंगे. वहीं धनबाद में 150 करोड़ व बोकारो में 60 करोड़ की लागत से नयी बिजली संरचना तैयार की जायेगी.
Bhawna 5 years 2 weeks ago
बैठक में एपीडीआरपी पार्ट-बी के तहत धनबाद, बोकारो व देवघर में बिजली संरचना सुदृढ़ करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गयी है. देवघर में 45 करोड़ रुपये खर्च होंगे. यहां बाबा मंदिर परिसर के आसपास के सारे इलाकों में अंडरग्राउंड केबल लगाये जायेंगे. वहीं धनबाद में 150 करोड़ व बोकारो में 60 करोड़ की लागत से नयी बिजली संरचना तैयार की जायेगी.
Bhawna 5 years 2 weeks ago
बैठक में एपीडीआरपी पार्ट-बी के तहत धनबाद, बोकारो व देवघर में बिजली संरचना सुदृढ़ करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गयी है. देवघर में 45 करोड़ रुपये खर्च होंगे. यहां बाबा मंदिर परिसर के आसपास के सारे इलाकों में अंडरग्राउंड केबल लगाये जायेंगे. वहीं धनबाद में 150 करोड़ व बोकारो में 60 करोड़ की लागत से नयी बिजली संरचना तैयार की जायेगी.
Bhawna 5 years 2 weeks ago
इससे वितरण कंपनी को सौ करोड़ रुपये प्रति माह की बचत होगी. यानी सालाना 1200 करोड़ रुपये की बचत होगी. ग्रिड सब स्टेशन बनने में तीन साल लग जायेंगे. इसके बाद वितरण कंपनी को फायदा होने लगेगा. वहीं वितरण कंपनी डीवीसी कमांड एरिया के भी एचटी उपभोक्ताओं को भी बिजली आपूर्ति करने में सक्षम हो जायेगी.
बाबा मंदिर परिसर में होगी अंडरग्राउंड केबलिंग
Bhawna 5 years 2 weeks ago
इससे वितरण कंपनी को सौ करोड़ रुपये प्रति माह की बचत होगी. यानी सालाना 1200 करोड़ रुपये की बचत होगी. ग्रिड सब स्टेशन बनने में तीन साल लग जायेंगे. इसके बाद वितरण कंपनी को फायदा होने लगेगा. वहीं वितरण कंपनी डीवीसी कमांड एरिया के भी एचटी उपभोक्ताओं को भी बिजली आपूर्ति करने में सक्षम हो जायेगी.
बाबा मंदिर परिसर में होगी अंडरग्राउंड केबलिंग
Bhawna 5 years 2 weeks ago
इससे वितरण कंपनी को सौ करोड़ रुपये प्रति माह की बचत होगी. यानी सालाना 1200 करोड़ रुपये की बचत होगी. ग्रिड सब स्टेशन बनने में तीन साल लग जायेंगे. इसके बाद वितरण कंपनी को फायदा होने लगेगा. वहीं वितरण कंपनी डीवीसी कमांड एरिया के भी एचटी उपभोक्ताओं को भी बिजली आपूर्ति करने में सक्षम हो जायेगी.
Bhawna 5 years 2 weeks ago
डीवीसी द्वारा एचटी दरों पर बिलिंग की जाती है. डीवीसी द्वारा अभी 4.90 रुपये प्रति यूनिट की दर से बिजल दी जाती है. जिसे वितरण कंपनी घरेलू उपभोक्ताओं को औसतन तीन रुपये प्रति यूनिट की दर से उपलब्ध कराती है. अपना ट्रांसमिशन लाइन हो जाने पर डीवीसी को भी घरेलू दरों पर बिजली देनी होगी.
Bhawna 5 years 2 weeks ago
कैसे होगी 12 सौ करोड़ रुपये की बचत
बिजली वितरण निगम के एमडी राहुल पुरवार ने बताया कि डीवीसी कमांड एरिया में अभी वितरण कंपनी की अपनी संरचना नहीं है. इसके चलते डीवीसी के ग्रिड से ही बिजली ली जाती है. इस समय डीवीसी के पास सारे एचटी कंज्यूमर हैं और घरेलू उपभोक्ता झारखंड बिजली वितरण निगम के पास हैं. डीवीसी अपनी संरचना से वितरण कंपनी को जो बिजली देती है, उसकी दर अधिक है.