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Mid-Day Meal Scheme

Start Date: 01-11-2019
End Date: 30-11-2019
The Mid-day Meal Scheme is a school meal programme of the Government Of India which is being implemented in the State of Jharkhand designed to improve the nutritional status of school-age children nationwide.
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Bhawna 5 years 11 months ago

संयुक्त समीक्षा मिशन (जेआरएम)

ऊपर बताई गई कमेटियों के अलावा संयुक्त समीक्षा मिशन (जेआरएम) भी इस स्कीम को और बेहतर बनाने के लिए कार्य करता हैं. केंद्र द्वारा गठित किए गए जेआरएम के सदस्य शैक्षणिक और पोषण विशेषज्ञ होते हैं. जो समय-समय पर क्षेत्रीय स्कूलों में जाकर इस स्कीम की समीक्षा करते हैं और उसके बाद अपनी रिपोर्ट को उस राज्य के साथ साझा करते हैं जिस राज्य के स्कूल के खाने की ये समीक्षा करते हैं.

Bhawna 5 years 11 months ago

जिला स्तर

हर राज्य के प्रत्येक जिले में भी एक कमेटी का गठन इस स्कीम की निगरानी करने के लिए किया गया है. हर जिले की जिला स्तर समिति ये सुनिश्चित करती है कि उनके जिला स्तर के अंदर अपने वाले सभी लाभांवित स्कूलों में बच्चों को इस स्कीम के तहत अच्छा खाना दिया जाए. जिला स्तर समिति की अध्यक्ष लोकसभा के वरिष्ठ सदस्य द्वारा की जाती हैं.

स्थानीय स्तर पर

स्थानीय स्तर पर गांव शिक्षा समितियों (वीईसी), अभिभावक-शिक्षक संघ (पीटीए), स्कूल प्रबंधन समितियों (एसएमसी) के सदस्य, ग्राम पंचायत या ग्राम सभा के लोग, न

Bhawna 5 years 11 months ago

नेशनल लेवल केमटी

नैशनल लेवल पर अधिकारित समिति, राष्ट्रीय स्तर की स्टीयरिंग-सह-निगरानी समिति (एनएसएमसी) और कार्यक्रम स्वीकृति बोर्ड (पीएबी) इस स्कीम की मॉनीटर करता है और ये कमेटी सीधे तौर पर मानव संसाधन विकास मंत्री द्वारा हेड की जाती हैं.

स्टेट लेवल

स्टेट लेवल पर राज्य स्तरीय संचालन-सह-निगरानी समिति इस स्कीम पर निगरानी रखती है और ये केमटी राज्य के मुख्य सचिव की अध्यक्षता में कार्य करती है.

Bhawna 5 years 11 months ago

हर राज्य में बनाई गई हैं कमेटी (Committee)

मिड डे मील स्कीम को लेकर किसी तरह का घोटाला और लापरवाही ना बरती जाए इसलिए मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने कई कमेटी का गठन किया है. जिनमें से कुछ कमेटी नेशनल लेवल पर इस स्कीम पर निगरानी रखती है, जबकि कुछ स्टेट, जिला, नगर, ब्लॉक, गाँव और स्कूल लेवल पर इस स्कीम के कार्य को देखती है और ये सुनिश्चित करती है कि देश के हर स्कूल में सही तरह का खाना बच्चों को दिया जाए.

Bhawna 5 years 11 months ago

किस मंत्रालय को सौंपी गई है जिम्मेदारी

मिड डे मील स्कीम को ह्यूमन रिसोर्स डेवलपमेंट मिनिस्ट्री द्वारा हमारे देश में चलाया जाता है और इस मंत्रालय द्वारा ही इस स्कीम से जुड़ी गाइडलाइंस बनाइ गई है. साथ ही इस मंत्रालय द्वारा कई ऐसी कमेटी में बनाई गई हैं जो कि इस स्कीम को और बेहतर बनाने के कार्य करती हैं

Bhawna 5 years 11 months ago

सूखा प्रभावित क्षेत्रों के बच्चों को खाना मुहैया करवाना

इस स्कीम के तहत जिस दिन भी स्कूल खुले रहते हैं, उस दिन बच्चों को भोजना करवाना अनिवार्य होता हैं. वहीं गर्मी की छुट्टियों में स्कूल बंद होने के कारण बच्चों को भोजन नहीं मिल पाता है. लेकिन साल 2004 में सरकार ने गर्मी की छुट्टियों के दिन भी इस स्कीम को सूखा प्रभावित क्षेत्रों के स्कूलों में चलाए रखने का आदेश दिए थे. जिसके बाद से इन इलाकों के बच्चों को गर्मियों की छुट्टियों में भी भोजन दिया जाता था.

Bhawna 5 years 11 months ago

ज्यादा से ज्यादा बच्चे स्कूल आ सकें

जो दूसरा सबसे बड़ा उद्देश्य मिड डे मील का है वो शिक्षा से जुड़ा हुआ है. इस स्कीम के जरिए बच्चों को खाना उपलब्ध करवाया जाता है और ऐसा होने से कई गरीब परिवार ने अपने बच्चों को स्कूल भेजना स्टार्ट कर दिया है.

Bhawna 5 years 11 months ago

मिड डे मील स्कीम के उद्देश्य (Objectives)

मिड डे मील बच्चों से जुड़ी हुई योजना है जिसका मकसद बच्चों को अच्छा भोजना मुहैया करवाना है और इस स्कीम के उद्देश्य इस प्रकार हैं-

बच्चों का बेहतर विकास हो

आज भी हमारे देश में कई ऐसे लोग हैं जो कि अपने परिवार को दो वक्त का खाना देने में असमर्थ हैं. जिसके कारण इन परिवार से नाता रखने वाले छोटे बच्चों का मानसिक विकास पूरा नहीं हो पाता है. इसलिए सरकार, सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले गरीब बच्चों को मिड डे मील के जरिए पोषक भोजन उपलब्ध करती हैं

Bhawna 5 years 11 months ago

इस स्कीम के अनुसार जो भी बच्चे ऊपर बताए गए स्कूलों के प्राइमरी और अपर प्राइमरी कक्षा में पढ़ाई करते हैं उन्हें हर रोज (जिन दिनों स्कूल खुले होते हैं) मुफ्त में मध्यान भोजन करवाना अनिवार्य हैं.

Bhawna 5 years 11 months ago

किन स्कूलों के बच्चों को मिलता है इस स्कीम से फायदा

इस स्कीम की मदद से सरकारी स्कूलों के प्राइमरी और अपर प्राइमरी कक्षा के छात्रों को, सरकार सहायता, स्थानीय निकाय, शिक्षा गारंटी योजना से जुड़े स्कूलों के छात्रों को, वैकल्पिक अभिनव शिक्षा केंद्र, मदरसे और श्रम मंत्रालय द्वारा संचालित राष्ट्रीय बाल श्रम परियोजना स्कूल में पढ़ने वाले छात्रों को फायदा मिलता है.