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मिड डे मील योजना (मध्याह्न भोजन)

Start Date: 01-11-2019
End Date: 30-11-2019
The Mid-day Meal Scheme is a school meal programme of the Government Of India which is being implemented in the State of Jharkhand designed to improve the nutritional status of school-age children nationwide.
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35 Record(s) Found

Dheeraj Kumar 6 years 3 days ago

यह भारत सरकार की अदभुत कार्यक्रम है इस कार्यक्रम से पोषण में सुधार के साथ साथ बच्चों की उपस्थिति में भी वृद्धि हुई है तथा गरीब मजदूर अपने बच्चों को स्कूलों में छोड़कर आसानी से खेतों में कार्य करते हैं। लेकिन इससे पहले बच्चों के मा बाप को टिफिन के समय घर आना पड़ता था जिससे उनका कार्य अवरुद्ध हो जाता था तो वे बच्चों को अपने साथ कार्य में ले जाते थे इससे बच्चों की पढ़ाई रूक जाता था। घर के बड़े बच्चे अपने छोटे भाई बहनों की देखभाल करते थे

Chandan Kumar 6 years 1 week ago

मिड डे मील स्कीम सेंट्रल गवर्नमेंट द्वारा चलाई गई एक स्कीम है जिसके जरिए स्कूल में पढ़ रहे छोटी आयु के बच्चों को पोषक भोजन खाने के लिए दिया जाता है. ... इस स्कीम के तहत हर रोज करोड़ बच्चों को स्कूल में भोजन करवाया जाता है.

Bhawna 6 years 1 week ago

मिड डे मील स्कीम के नुकसान (Disadvantages)

मिड डे मील खाने से जुड़ी हुई एक स्कीम है और इस मिल के द्वारा जो खाना बच्चों को दिया जाता है उसकी गुणवत्ता काफी खराब होती है. पिछले कई सालों में देखा गया है कि इस स्कीम के तहत दिए जाने वाले खाने को खाने से कई बच्चों की मौत भी हो चुकी है. साथ ही इस स्कीम को सही से चलाने के लिए जो पैसे सरकार द्वारा दिए जाते हैं उन पैसों का घोटला भी कर लिया जाता है और ऐसा होने से ना केवल बच्चों को घटिया खाना मिलता है बल्कि सरकार को भी काफी नुकसान होता है

Bhawna 6 years 1 week ago

आज भी हमारे देश के ग्रामीण इलाकों में लड़कियों की शिक्षा को लेकर काफी पिछड़ापन फैला हुआ है. लेकिन इस स्कीम के तहत बच्चों को मुफ्त में खाना खिलाया जाता है इसलिए इन लोगों ने अपनी लड़कियों को भी स्कूल भेजना स्टार्ट कर दिया है, ताकि उनकी बेट्टियों को खान मिल सके.
स्कूल में खाने मिलने के कारण बच्चों के परिवार वालों द्वारा इन्हें हर रोज स्कूल भी भेजा जाता है और ऐसा होने से बच्चे रोजाना स्कूल में उपस्थिति रहते हैं.

Bhawna 6 years 1 week ago

मिड डे मील स्कीम के फायदे (Advantages)

काफी लंबे समय से ये स्कीम हमारे देश में चल रही है और काफी कामयाब भी साबित हुई है. इस स्कीम से बच्चों को कई सारे फायदे भी पहुंचे हैं.

इस स्कीम के लागू होने से कई ऐसे बच्चे हैं जिन्हें पेट भर खाना मिल पाया है और पोषित खाना मिलने से इन बच्चों का अच्छे से विकास भी हो पाया है.

Bhawna 6 years 1 week ago

अंतर्राष्ट्रीय सहायता (International Assistance)

कई अंतर्राष्ट्रीय स्वैच्छिक और दान संगठनों द्वारा दिल्ली, मद्रास और नगर निगम के स्कूलों में दूध पाउडर प्रदान किए जाते हैं. केयर (CARE) नामक संगठन द्वारा सोया भोजन, गेहूं, और वनस्पति तेल कई स्कूल को दिए जाते है, जबकि यूनिसेफ द्वार उच्च प्रोटीन खाद्य पदार्थ और शैक्षणिक सहायता स्कूलों के बच्चों को दी जाती है.

Bhawna 6 years 1 week ago

केंद्रीकृत मॉडल (Centralised Model)

केंद्रीकृत मॉडल के तहत एक बाहरी संगठन द्वारा खाना बनाया जाता है और इस खाने को फिर स्कूलों में भेजा जाता है. ये मॉडल ज्यादातर शहरी इलाकों में कामयाब है. वहीं केंद्रीकृत रसोई में बनने वाले खाने की स्वच्छता की बात की जाए तो, साल 2007 में दिल्ली में जब इन जगहों पर बनाए गए खाने के सैंपल का टेस्ट किया गया था, तो इन जगहों पर बनाए गए खाने की गुणवत्ता खराब पाई गई थी.

Bhawna 6 years 1 week ago

विकेंद्रीकृत मॉडल (Decentralised Model)

विकेन्द्रीकृत मॉडल में, स्थानीय कुक और हेल्पर्स द्वारा भोजन पकाया जाता है. इस मॉडल के तहत साइट (स्कूल) पर खाना बनाया जाता है जिसके चलते बच्चों के माता पिता और स्कूल के शिक्षक इस चीज पर निगरानी रख पाते हैं कि किस तरह से कुक द्वारा खाना बनाया जा रहा है.

Bhawna 6 years 1 week ago

कार्यान्वयन मॉडल (Implementation models)

इस स्कीम को तीन तरह के मॉडल के तहत चलाया जाता है जो कि विकेंद्रीकृत मॉडल, अंतरराष्ट्रीय सहायता और केंद्रीकृत मॉडल है.

Bhawna 6 years 1 week ago

इस स्कीम के अंदर जो खाना बच्चों को दिया जाता है उसमें दूध, खीर, दलिया जैसे खाने की चीजों को शामिल नहीं किया गया है. इसलिए अगर कोई राज्य, अपने राज्य के स्कूलों के बच्चों को दूध या फिर फल, भोजन में देना चाहते हैं तो वो ऐसा कर सकते हैं.
गुजरात, कर्नाटक, केरल, पांडीचेरी, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश राज्य में बच्चों को दूध, फल आदि चीजें भी इस मील में दी जाती हैं.