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Share your inputs on Draft National Education Policy-2019(Chapter 9 to Chapter 20)

Start Date: 21-10-2019
End Date: 21-11-2019

Citizen’s inputs are invited for Chapter 9 to chapter 20 of Draft National Education Policy-2019, in context of Higher, Technical Education & Skill Development Department, Govt. ...

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46 Record(s) Found
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Bhawna 5 years 7 months ago

शिक्षा प्रणाली में बदलाव करते हुए उच्च गुणवत्ता और व्यापक शिक्षा तक सबकी पहुँच सुनिश्चित की गई है। इसके ज़रिए भारत का निरंतर विकास सुनिश्चित होगा साथ ही वैश्विक मंचों पर - आर्थिक विकास, सामाजिक विकास, समानता और पर्यावरण की देख - रेख, वैज्ञानिक उन्नति और सांस्कृतिक संरक्षण के नेतृत्व का समर्थन करेगा।

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Bhawna 5 years 7 months ago

आयोग ने शिक्षकों के प्रशिक्षण में व्यापक सुधार के लिए शिक्षक प्रशिक्षण और सभी शिक्षा कार्यक्रमों को विश्वविद्यालयों या कॉलेजों के स्तर पर शामिल करने की सिफारिश की है।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2019 को भारतीय लोगों, उनकी परम्पराओं,संस्कृतियों और भाषाओँ की विविधता को ध्यान में रखते हुए तेज़ी से बदलते समाज की ज़रूरतों के आधार पर तैयार किया गया है।

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Bhawna 5 years 7 months ago

शिक्षा नीति 2019 की शिक्षा प्रणाली को इस प्रकार से तैयार किया गया है ये देश के हर नागरिक के जीवन से जुड़ सके।
पाठ्यक्रम में भारतीय ज्ञान पद्धतियों को शामिल करने, 'राष्ट्रीय शिक्षा आयोग' का गठन करने और प्राइवेट स्कूलों को मनमाने तरीके से फीस बढ़ाने से रोकने की सिफारिश की गई है।

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Bhawna 5 years 7 months ago

NDA सरकार ने नई शिक्षा नीति का मसौदा पेश कर दिया है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन इसरो के पूर्व प्रमुख के. कस्तूरीरंगन की अध्यक्षता वाली समिति ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति का मसौदा मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक को 31 मई को सौंपा है। मंत्रालय की वेबसाइट पर नई शिक्षा नीति को अपलोड कर दिया गया है । अब मंत्रालय 30 जून तक नई शिक्षा नीति पर सुझाव मांगेगा। इसके आधार पर एक जुलाई को नई शिक्षा नीति का कैबिनेट नोट तैयार होगा और कयास लगाए जा रहे हैं कि जुलाई के दूसरे हफ्ते में देश में नई शिक्षा

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Bhawna 5 years 7 months ago

मानव संसाधन विकास मंत्रालय की 100 दिनों की उपलब्धियां दस्तावेज के अनुसार, राष्ट्रीय शिक्षा नीति के मसौदे को व्यापक रूप से प्रचारित किया गया और लगभग 2 लाख सुझाव प्राप्त हुए तथा कई राज्यों के सांसदों के साथ विस्तृत चर्चा हुई। दस्तावेज में कहा गया है कि अक्टूबर 2019 तक शिक्षा नीति को अंतिम रूप देने के लिए युद्ध स्तर पर कार्य चल रहा है।

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Bhawna 5 years 7 months ago

केंद्र सरकार नई शिक्षा नीति को 11 नवंबर को राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के अवसर पर पेश करने के लक्ष्य को लेकर चल रही। इसके लिये अक्तूबर तक शिक्षा नीति को अंतिम रूप देने का कार्य चल रहा है। सूत्रों ने इस आशय की जानकारी दी।

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Bhawna 5 years 7 months ago

एनईपी यह भी सिफारिश करती है कि मौजूदा 10+2 के मॉडल की जगह एक 5+3+3+4 का पाठ्यक्रम और शिक्षा का वैज्ञानिक ढांचा लाया जाए जो बच्चे के संज्ञानात्मक और सामाजिक-भावनात्मक विकास की अवस्थाओं पर आधारित हो. यह सिफारिश करती है कि स्कूल पूर्व (3-6 वर्ष की उम्र) के तीन साल को कक्षा 1 और 2 (8 साल की उम्र तक) में मिलाकर इसे एक वैज्ञानिक शिक्षा इकाई बना दिया जाए जिसे 'बुनियादी चरण' कहा जाएगा. कक्षा 3-5 (उम्र 8-11 वर्ष) को तैयार चरण कहा जाएगा, जिसके बाद कक्षा 6-8 (उम्र 11-14 वर्ष) का माध्यमिक चरण होगा और आखिर

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Bhawna 5 years 7 months ago

यही वजह है कि एनईपी की सबसे ऊंची प्राथमिकता 2025 तक प्राथमिक स्कूलों और उससे आगे की कक्षाओं में सार्वभौमिक बुनियादी साक्षरता और अंकज्ञान हासिल करना है. एनईपी का मसौदा कहता है, ''अगर यह सबसे बुनियादी शिक्षा—आधारभूत स्तर पर पढऩा, लिखना और अंकगणित—पहले हासिल नहीं की जाती, तो हमारे छात्रों के इतने बड़े हिस्से के लिए बाकी की नीति मोटे तौर पर अप्रासंगिक होगी.'' यह भी पक्का करना होगा कि 3 से 18 साल के बीच की उम्र के सभी छात्रों को मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा बाल अधिकार (संशोधन) 2019 के दायरे में लाया जाए

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Bhawna 5 years 7 months ago

इसमें ताज्जुब नहीं कि आंबेडकर यूनिवर्सिटी के 2017 के एक अध्ययन में पता चला कि सरकारी या निजी किसी भी संस्था से पूर्व प्राथमिक शिक्षा पूरी करने वाले हिंदुस्तान के बच्चों की बड़ी तादाद प्राथमिक स्कूल में दाखिले के काबिल नहीं थी. 2018 के एनुअल स्टेटस ऑफ एजुकेशन रिपोर्ट (एएसईआर) सर्वे ने पाया कि कक्षा 5 के 50 फीसदी छात्र ही कक्षा 2 की पाठ्यपुस्तक पढ़ पाते थे. सो, सकल नामांकन अनुपात कक्षा 1-5 के 95 फीसदी से घटकर कक्षा 9-10 में 79 फीसदी पर आ गया.

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Bhawna 5 years 7 months ago

मौजूदा वक्त में बचपन की ज्यादातर शुरुआती शिक्षा आंगनवाडिय़ां और निजी प्री-स्कूल दे रहे हैं. एकीकृत बाल विकास सेवाओं (आइसीडीएस) के तहत चलाई जा रही आंगनवाडिय़ों ने माताओं और शिशुओं की स्वास्थ्य देखभाल के लिहाज से अच्छे नतीजे दिए हैं, मगर शिक्षा के मामले में गच्चा दिया है. निजी प्री-स्कूल बेहतर बुनियादी ढांचा जरूर मुहैया करते हैं, पर उनके पाठ्यक्रम और पढ़ाने के तरीके ऐसे नहीं हैं जिसकी बचपन की शुरुआती शिक्षा के लिए जरूरत है.

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