उच्च, तकनीकी शिक्षा और कौशल विकास विभाग, झारखंड सरकार के संदर्भ में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2019 के अध्याय 9 से अध्याय 20 के प्रारूप के लिए नागरिकों के इनपुट आमंत्रित किए गए हैं ।
अध्याय:9- गुणवत्तापूर्ण विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय: भारतीय उच्च शिक्षा व्यवस्था हेतु एक नई और भविष्योन्मुखी दूरदृष्टि
उद्देश्य:उच्च शिक्षा प्रणाली में सुधार करके देश भर में बहुअनुशासनात्मक उच्च शिक्षा संस्थान स्थापित करना एवं वर्ष 2035 तक GER को कम से कम 50 % तक बढ़ाना ।
अध्याय:10- संस्थागत पुनर्गठन और समेकन
उद्देश्य: ऐसे जीवंत और बहुअनुशासनात्मक गुणवत्तापूर्ण संस्थाओं का गठन जिनसे भारत में उच्च शिक्षा की क्षमता में बढ़ोतरी हो इन तक सब की पहुंच सुनिश्चित हो सके ।
अध्याय:11- लिबरल शिक्षा की तरफ कुछ कदम
उद्देश्य: एक अधिक कल्पनाशील और व्यापक लिबरल शिक्षा की ओर बढ़ना जो सभी विद्यार्थियों के समग्र विकास के लिए एक बुनियाद का काम करे और साथ ही इसमें चुने गए विषयों की गहन विशेषज्ञता भी शामिल हो ।
अध्याय:12- छात्रों के सीखने के श्रेष्ठ माहौल और उनकी सहायता
उद्देश्य: आनंदपूर्ण , गहन और जरूरतों को पूरा करने वाला शिक्षाक्रम ,प्रभावी व रुचिपूर्ण शिक्षण के तौर तरीके ,छात्रों के चहुमुखी विकास और बेहतर सीखने में सहायता करना ।
अध्याय:13- ऊर्जावान , जुड़ाव रखने वाले और सक्षम संकाय
उद्देश्य: उच्च दक्षता और गहन प्रतिबद्धता वाले सशक्त संकाय, पढ़ने और शोध में उत्कृष्टता के लिए ऊर्जाशील ।
अध्याय:14- राष्ट्रीय अनुसंधान संस्थान( NRF)
उद्देश्य: देश भर में हरेक अकादमिक विषय में अनुसंधान और नवाचारों को प्रेरित और प्रोत्साहित करना ,साथ ही विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में अनुसंधान को शुरू करने और विकसित करने पर विशेष ध्यान देना -और इसके लिए वित्त पोषण उच्च स्तरीय आपसी समीक्षा ,मेंटरिंग और सहयोग के द्वारा एक अनुकूल तंत्र का निर्माण करना ।
अध्याय:15- शिक्षक शिक्षा
उद्देश्य: शिक्षक शिक्षा प्रणाली को बहुविषयक महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों से जोड़कर और चार वर्षीय एकीकृत स्नातक डिग्री को स्कूल शिक्षकों के लिए न्यूनतम योग्यता स्थापित करके यह सुनिश्चित करना की शिक्षकों को विषय ,शिक्षण शास्त्र और प्रैक्टिस में गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण प्राप्त हो ।
अध्याय:16- पेशेवर शिक्षा
उद्देश्य:पेशेवर शिक्षा का उद्देश्य एक समग्र दृष्टिकोण का निर्माण करना जो व्यापक आधार वाली दक्षताओं और २१वी सदी के लिहाज से जरुरी कौशलों ,सामजिक-मानवीय सन्दर्भों की समझ और मजबूत नैतिक आदर्श के साथ -साथ उत्कृष्ट पेशेवराना क्षमताओं के विकास को सुनिश्चित करना होना चाहिए ।
अध्याय:17- उच्च शिक्षा संस्थानों के लिए सशक्त प्रभावी शाशन और प्रभावी नेतृत्व
उद्देश्य: सक्षम और नैतिक नेतृत्व के साथ स्वतंत्र, स्व-शासित उच्च शिक्षा संस्थान।
अध्याय:18- नियामक प्रणाली को रूपांतरण
उद्देश्य: उच्च शिक्षा में उत्कृष्टता और सार्वजानिक सेवा भाव को प्रोत्साहित करने के लिए प्रभावी , सक्रिय और उत्तरदायी विनियमन ।
अध्याय:19- शिक्षा में प्रौद्योगिकी
उद्देश्य: शिक्षकों की तैयारी और विकास ,शिक्षण -अधिगम और मूल्यांकन प्रक्रिया को बेहतर बनाने ,वंचित समूहों तक शिक्षा की पहुंच को सुलभ बनाने ,और शैक्षिक योजना , प्रशासन और प्रबंधन की प्रक्रिया ,सहित शिक्षा के सभी क्षेत्रों में प्रौद्योगिकी का उपयुक्त एकीकरण करना ।
अध्याय:20- व्यावसायिक शिक्षा
उद्देश्य: व्यावसायिक शिक्षा को सभी शिक्षण संस्थानों -स्कूल , कॉलेज और विश्वविद्यालय के साथ एकीकृत किया जाए। वर्ष 2025 तक लगभग 50% छात्रों तक व्यावसायिक शिक्षा को पहुंचना ।
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Bhawna 6 years 2 months पहले
शिक्षा प्रणाली में बदलाव करते हुए उच्च गुणवत्ता और व्यापक शिक्षा तक सबकी पहुँच सुनिश्चित की गई है। इसके ज़रिए भारत का निरंतर विकास सुनिश्चित होगा साथ ही वैश्विक मंचों पर - आर्थिक विकास, सामाजिक विकास, समानता और पर्यावरण की देख - रेख, वैज्ञानिक उन्नति और सांस्कृतिक संरक्षण के नेतृत्व का समर्थन करेगा।
Bhawna 6 years 2 months पहले
आयोग ने शिक्षकों के प्रशिक्षण में व्यापक सुधार के लिए शिक्षक प्रशिक्षण और सभी शिक्षा कार्यक्रमों को विश्वविद्यालयों या कॉलेजों के स्तर पर शामिल करने की सिफारिश की है।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2019 को भारतीय लोगों, उनकी परम्पराओं,संस्कृतियों और भाषाओँ की विविधता को ध्यान में रखते हुए तेज़ी से बदलते समाज की ज़रूरतों के आधार पर तैयार किया गया है।
Bhawna 6 years 2 months पहले
शिक्षा नीति 2019 की शिक्षा प्रणाली को इस प्रकार से तैयार किया गया है ये देश के हर नागरिक के जीवन से जुड़ सके।
पाठ्यक्रम में भारतीय ज्ञान पद्धतियों को शामिल करने, 'राष्ट्रीय शिक्षा आयोग' का गठन करने और प्राइवेट स्कूलों को मनमाने तरीके से फीस बढ़ाने से रोकने की सिफारिश की गई है।
Bhawna 6 years 2 months पहले
NDA सरकार ने नई शिक्षा नीति का मसौदा पेश कर दिया है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन इसरो के पूर्व प्रमुख के. कस्तूरीरंगन की अध्यक्षता वाली समिति ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति का मसौदा मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक को 31 मई को सौंपा है। मंत्रालय की वेबसाइट पर नई शिक्षा नीति को अपलोड कर दिया गया है । अब मंत्रालय 30 जून तक नई शिक्षा नीति पर सुझाव मांगेगा। इसके आधार पर एक जुलाई को नई शिक्षा नीति का कैबिनेट नोट तैयार होगा और कयास लगाए जा रहे हैं कि जुलाई के दूसरे हफ्ते में देश में नई शिक्षा
Bhawna 6 years 2 months पहले
मानव संसाधन विकास मंत्रालय की 100 दिनों की उपलब्धियां दस्तावेज के अनुसार, राष्ट्रीय शिक्षा नीति के मसौदे को व्यापक रूप से प्रचारित किया गया और लगभग 2 लाख सुझाव प्राप्त हुए तथा कई राज्यों के सांसदों के साथ विस्तृत चर्चा हुई। दस्तावेज में कहा गया है कि अक्टूबर 2019 तक शिक्षा नीति को अंतिम रूप देने के लिए युद्ध स्तर पर कार्य चल रहा है।
Bhawna 6 years 2 months पहले
केंद्र सरकार नई शिक्षा नीति को 11 नवंबर को राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के अवसर पर पेश करने के लक्ष्य को लेकर चल रही। इसके लिये अक्तूबर तक शिक्षा नीति को अंतिम रूप देने का कार्य चल रहा है। सूत्रों ने इस आशय की जानकारी दी।
Bhawna 6 years 2 months पहले
एनईपी यह भी सिफारिश करती है कि मौजूदा 10+2 के मॉडल की जगह एक 5+3+3+4 का पाठ्यक्रम और शिक्षा का वैज्ञानिक ढांचा लाया जाए जो बच्चे के संज्ञानात्मक और सामाजिक-भावनात्मक विकास की अवस्थाओं पर आधारित हो. यह सिफारिश करती है कि स्कूल पूर्व (3-6 वर्ष की उम्र) के तीन साल को कक्षा 1 और 2 (8 साल की उम्र तक) में मिलाकर इसे एक वैज्ञानिक शिक्षा इकाई बना दिया जाए जिसे 'बुनियादी चरण' कहा जाएगा. कक्षा 3-5 (उम्र 8-11 वर्ष) को तैयार चरण कहा जाएगा, जिसके बाद कक्षा 6-8 (उम्र 11-14 वर्ष) का माध्यमिक चरण होगा और आखिर
Bhawna 6 years 2 months पहले
यही वजह है कि एनईपी की सबसे ऊंची प्राथमिकता 2025 तक प्राथमिक स्कूलों और उससे आगे की कक्षाओं में सार्वभौमिक बुनियादी साक्षरता और अंकज्ञान हासिल करना है. एनईपी का मसौदा कहता है, ''अगर यह सबसे बुनियादी शिक्षा—आधारभूत स्तर पर पढऩा, लिखना और अंकगणित—पहले हासिल नहीं की जाती, तो हमारे छात्रों के इतने बड़े हिस्से के लिए बाकी की नीति मोटे तौर पर अप्रासंगिक होगी.'' यह भी पक्का करना होगा कि 3 से 18 साल के बीच की उम्र के सभी छात्रों को मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा बाल अधिकार (संशोधन) 2019 के दायरे में लाया जाए
Bhawna 6 years 2 months पहले
इसमें ताज्जुब नहीं कि आंबेडकर यूनिवर्सिटी के 2017 के एक अध्ययन में पता चला कि सरकारी या निजी किसी भी संस्था से पूर्व प्राथमिक शिक्षा पूरी करने वाले हिंदुस्तान के बच्चों की बड़ी तादाद प्राथमिक स्कूल में दाखिले के काबिल नहीं थी. 2018 के एनुअल स्टेटस ऑफ एजुकेशन रिपोर्ट (एएसईआर) सर्वे ने पाया कि कक्षा 5 के 50 फीसदी छात्र ही कक्षा 2 की पाठ्यपुस्तक पढ़ पाते थे. सो, सकल नामांकन अनुपात कक्षा 1-5 के 95 फीसदी से घटकर कक्षा 9-10 में 79 फीसदी पर आ गया.
Bhawna 6 years 2 months पहले
मौजूदा वक्त में बचपन की ज्यादातर शुरुआती शिक्षा आंगनवाडिय़ां और निजी प्री-स्कूल दे रहे हैं. एकीकृत बाल विकास सेवाओं (आइसीडीएस) के तहत चलाई जा रही आंगनवाडिय़ों ने माताओं और शिशुओं की स्वास्थ्य देखभाल के लिहाज से अच्छे नतीजे दिए हैं, मगर शिक्षा के मामले में गच्चा दिया है. निजी प्री-स्कूल बेहतर बुनियादी ढांचा जरूर मुहैया करते हैं, पर उनके पाठ्यक्रम और पढ़ाने के तरीके ऐसे नहीं हैं जिसकी बचपन की शुरुआती शिक्षा के लिए जरूरत है.