You don't have javascript enabled. Please Enabled javascript for better performance.

स्वच्छ भारत मिशन

Start Date: 14-11-2019
End Date: 14-02-2020

२ अक्टूबर २०१४ को शुरू किया गया स्वच्छ भारत मिशन अब तक का सबसे बड़ा ...

विवरण देखें जानकारी छिपाएँ

२ अक्टूबर २०१४ को शुरू किया गया स्वच्छ भारत मिशन अब तक का सबसे बड़ा स्वच्छता अभियान है ,जिसे २०१९ तक पूर्ण करने का लक्ष्य निर्धारित है । स्वच्छ सर्वेक्षण २०१९ में सफलता प्राप्त करने हेतु आम जन के सहयोग से सभी नगर निकायों ने अथक प्रयास किया है ।मिशन को सफल बनाने के लिए व्यक्तिगत सामुदायिक एवं सार्वजानिक शौचालयों का निर्माण कराया गया हैसाथ ही स्वच्छता अभियान ,प्रचार प्रसार गतिविधियां ,होर्डिंग्स ,बैनर ,डस्टबिन का प्रयोग ,प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के माध्यम से अन्य जागरूकता गतिविधियां आयोजित की गई हैं।

इस सम्बन्ध में कुछ महत्वपूर्ण कदम उठाये गए हैं

१.गिरिडीह में महिलाओं के लिए कराया गया पिंक टॉयलेट का निर्माण ।
आप सबों ने महिलाओं के लिए आरक्षित पिन ऑटो देखा होगा ,अब महिला विशेष के लिए राज्य के नगर निकायों में पिंक टॉयलेट की व्यव्य्स्था की जा रही है। खास पिंक रंग से पेंट किये गए इन टॉयलेट में महिलाओं के लिए विशेष सुविधा उपलब्ध हैं जो अन्य टॉयलेट में नहीं होती है , इसलिए इनका नाम पिंक टॉयलेट दिया गया है , पिंक टॉयलेट के लिए जगह का चुनाव बहुत सोच विचार के बाद किया जा रहा है। कमर्शियल सेंटर पर बड़ी तादाद में महिलाएं और बालिकाएं शॉपिंग के लिए आती हैं,लेकिन उनके लिए अलग से कोई शौचालय नहीं होने से उन्हें काफी परेशानी आती थी । बच्चों के साथ आने वाली महिलाओं को टॉयलेट इस्तेमाल में होने वाली परेशानी और उन्हें एक ही जगह पर सभी सुविधाएं दिए जाने के विचार के साथ निर्मित पिंक टॉयलेट में साफ़-सफाई का ख़ास ध्यान रखा गया है।टॉयलेट में महिलाओं को सुविधा के लिए सेनेटरी नैपकिन की उपलब्धता हेतु सेनेटरी नैपकिन वेंडिंग मशीन भी लगी है।अब महिलाएं बिना संकोच और डर के इसका इस्तेमाल कर सकती हैं।

२.स्वच्छ सर्वेक्षण अभी तक का सफर
वर्ष २०१४ में स्वच्छ भारत मिशन ,स्वच्छता के लिए एक राष्ट्रव्यापी अभियान के रूप में शुरू किया गया । झारखण्ड का प्रदर्शन स्वच्छ सर्वेक्षण २०१६ में उत्साहजनक नहीं था ,लेकिन स्वच्छ भारत मिशन २०१७ में झारखण्ड के प्रदर्शन में काफी सुधार हुआ और राज्य को देश में तीसरा स्थान प्राप्त हुआ।

३.निकायों में १०० प्रतिशत कचड़ा उठाने का दिया गया निर्देश ।
नगर विकास एवं आवास विभाग ने प्रदेश के नगर निकायों में डोर टू डोर कचरा उठाने की दिशा में पहल शुरू कर दी है।सभी नगर निकायों को निदेशित किया गया है कि सभी घरों से कचरा उठाव सुनिश्चित किया जाये।निकायों द्वारा प्रत्येक घर से कचरा उठाव का कार्य प्रारम्भ कर दिया गया है , साथ ही गीला/सूखा कचरा को अलग-अलग निस्तारण करने का कार्य भी प्रारम्भ कर दिया गया है।

४.प्रशिक्षु आईएएस कि टीम ने स्वच्छ भारत मिशन सहित अन्य योजनाओं को जाना ।
१८ प्रशिक्छु आईएएस कि टीम १२ जनवरी को रांची पहुंची । प्रोजेक्ट भवन स्थित सभाकक्ष में नगर विकास एवं आवास विभाग के सचिव श्री अजय कुमार सिंह ने प्रशिक्षु अधिकारियों को केंद्र प्रायोजित योजनाओं कि जानकारी दी । विभिन्न योजनाएं - स्मार्ट सिटी मिशन , अमृत , प्रधानमंत्री आवास योजना , स्वच्छ भारत मिशन , नमामि गंगे योजनाओं से अवगत कराया । मौके पर सूडा के निदेशक श्री अमित कुमार ने सभी प्रशिक्षु अधिकारीयों को विभिन्न नगर निकायों द्वारा किये जा रहे कार्यों से अवगत कराया।

५.स्वच्छ भारत मिशन-शहरी ,ODF ,ODF +और ODF ++
आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय भारत सरकार ने देश के ४३७९ शहरी स्थानीय निकायों को स्वच्छ भारत मिशन के तहत अक्टूबर २०१९ तक खुले में शौच मुक्त के रूप में प्रमाणित करने के लिए गुणवत्ता परिषद् ,फबद्ध की स्थापना की है।स्वच्छ भारत मिशन;शहरीद्ध का उद्देश्य नागरिकों के लिए स्वच्छ और उपयोगी शौचालय सुविधा उपलब्ध करना है।दवभ्न द्वारा निर्धारित प्रोटोकॉल के आधार पर प्रमाणित हो चुके शहर और घोषित करने हेतू प्रमाण के लिए आवेदन करने की योग्यता रखते हैं।उक्त आलोक में झारखण्ड के ४० शहरी स्थानीय निकायों ने ODF + प्रमाणीकरण के लिए आवेदन दिया ,वही शहरी स्थानीय निकाय - जमशेदपुर अधिसूचित क्षेत्र समिति ने ODF ++ प्रमाणीकरण के लिए आवेदन दिया है। उसकी जांच क्वालिटी कॉउन्सिल ऑफ़ इंडिया द्वारा की जा रही है ,जिसके परिणाम जल्द घोषित किये जाएंगे।

६.झारखण्ड राज्य को खुले में शौचमुक्त करने के लिए बनाये गए विभिन्न शौचालय ।

७.रसोई के कचरे से खाद निर्माण ।
कम्पोस्टिंग के लिए ४ चीज़ों का होना बहुत आवश्यक होता है।
१ सुखी पत्तियां,धुल मिटटी ,काग़ज़ : कार्बन
२ बचे खुचे फल और सब्जियों के कचरा से :नाइट्रोजन
३ हमारा वायुमंडल:ऑक्सीजन
४ पानी की सही मात्रा ,ताकि ऊपर के तीनो चीजों को मिलकर बना कचरा सड़ सके ।
a. घर पर उपलब्ध चीजों से कम्पोस्ट बनाने की आसान विधि :-
एक बड़ा सा मिटटी का मटका या एक बाल्टी ले लीजिये ।आप चाहे तो घर के पीछे एक छोटा सा गड्ढा भी खोद सकते हैं। उसके बाद कम्पोस्ट बिन के चारों ऒर ४-५ छेद कर दे जिस से उसमे रखे जाने वाले कूड़े में हवा लग सके ।
b. उस पात्र के नीचले भाग में थोड़ी सी मिटटी बिछा दे ।उसके बाद गीले कचरे को और सूखे कचरे को एक के ऊपर एक थोड़े थोड़े परतों में उस पत्र में डालते जाएँ। जब वो पत्र दोनों प्रकार सूखे और गीले कचरे के परतों से भर जाये तो उसे किसी लकड़ी के फटे से ढक दे ।ढकने से पत्र के अंदर नमी या गीलापन बना रहता है।
c. कुछ दिनों तक देखते रहें ।अगर पत्र के अंदर मिश्रण ज्यादा सूखा हुआ है ,हाथ से हल्का -हल्का पानी का छिड़काव करें और दोबारा ढक दें।
d. २-३ महीने बाद सूखा खाद बनना शुरू हो जायेगा,जो दिखने में गाढ़ा और काला सा होता है।झाखंड राज्य के कुछ निकायों के महिला समूहों द्वारा इस प्रकार से कम्पोस्ट तैयार करना शुरू भी किया गया है।अगर आप और बेहतर तरीके से बनाना चाहते हैं तो compost bin का भी प्रयोग कर सकते हैं,जो बाजार में उपलब्ध होता है।

स्वच्छ सर्वेक्षण २०१९ हेतु निकायों द्वारा लिए गए कुछ कदम

a.हस्ताक्षर अभियान के माध्यम से जिले को अव्वल बनाने का लिया गया संकल्प।
स्वच्छता अभियान को लेकर सिमडेगा नगर परिषद् की ऒर से हस्ताक्षर अभियान चलाया गया ।नगर परिषद् कार्यालय के निकट विशाल बैनर लगाकर लोगों से उनके सुझाव मांगे गए।साथ ही उनके योगदान के बारे में भी बैनर पर अंकित करने को कहा गया ।इस मौके पर वार्ड पार्षदों ने भी हस्ताक्षर किये।बैनर में कचरा निष्पादन,शौचालय एवं मूत्रालय के उपयोग,शहर को खुले में शौच मुक्त बनाने से सम्बंधित प्रश्न पूछते हुए साफ़ सफाई से सम्बंधित शिकायतों के बारे में भी पूछा गया । काफी संख्या में logo ने बैनर पर हस्ताक्षर करते हुए अपनी सक्रियता दिखाई ।

b. फूल,बेलपत्र व पूजन अपशिष्ट से बनाई जा रही जैविक खाद।
विश्व प्रसिद्ध बाबा बासुकीनाथ के दरबार में श्रावण माह में करीब डेढ़ लाख तक एवं अन्य दिनों में भी करीब १०००० भक्तो की भीड़ जुटती है।इन भक्तों के द्वारा बाबा बासुकीनाथ पर फूल,बेलपत्र सहित विभिन्न प्रकार के पुष्प अर्पित किये जाते हैं।इन पूजन अपशिष्टों को व्यर्थ न फेंकते हुए इनसे जैविक खाद बनाये जाने की प्रक्रिया प्रारम्भ की गई है।यह योजना झारखण्ड सरकार के नगर विकास एवं आवास विभाग के निर्देश पर स्वच्छ भारत मिशन के तहत कचरे को सुरक्षित निपटारे हेतु बासुकीनाथ नगर पंचायत द्वारा संचालित की जा रही है।इसमें बासुकीनाथ मदिर के पूजन अपशिष्टों के अलावा नगर पंचायत क्षेत्र से संग्रह किये जाने वाले गीले व सूखे कचरे से भी जैविक खाद बनाने की प्रक्रिया शुरू की गई है।इसके तहत मंदिर में प्रतिदिन चढ़ाये जानेवाले हजारों किलोग्राम फूल।बेलपत्र व पूजन अपशिष्ट के सुरक्षित निपटान के लिए बासुकीनाथ बस स्टैंड में इन्हे एकत्रित कर इनसे जैविक खाद बनाया जा रहा है।

c. जमशेदपुर के शौचालयों में लग रही पैड वेंडिंग मशीन ।
स्वच्छ भारत सर्वेक्षण २०१९ में बेहतर अंक के लिए जमशेदपुर अधिसूचित क्षेत्र समिति जे एन ए सी के सामुदायिक शौचालय में पैड वेंडिंग मशीने लगाई जा रही है।पिछले महीने से ही जे एन ए सी द्वारा सामुदायिक शौचालयों में सेनेटरी पैड वेंडिंग मशीन और पैड डिस्पोजल मशीने लगानी शुरू की गई है।यह सुविधा शुरू करने वाला जे एन ए सी राज्य का पहला स्थानीय निकाय है।जे एन ए सी द्वारा पांडेय घाट, भुइयांडीह ,सती घाट व सबस्टेशन घाट ,कदमा,दोमुहानी , सोनारी,निर्मल बस्ती ,बारीडीह,बागुनहातु,बाबूडीह में मशीने लगाई गई है। इस सेनेटरी पैड वेंडिंग मशीन में लगभग २५ पैड के भंडारण की क्षमता है,मशीने ५ रूपये का सिक्का डालने पर सेनेटरी पैड उपलब्ध कराएगी।वही डिस्पोजल मशीने में इस्तेमाल पैड को ढक्कन खोलकर डालना है और बटन द्वारा निपटारा करना है।जे एन ए सी के पदाधिकारी द्वारा बताया गया कि सामुदायिक शौचालयों में मशीने लगाने का काम जारी है।सभी सामुदायिक शौचालय खुले स्थानों पर है इसलिए इन सुविधाओं कि आवश्यकता थी।

स्वच्छ भारत मिशन को सफल बनाने के लिए Jharkhand.mygov.in पर नागरिकों का सुझाव आमंत्रित है

सभी टिप्पणियां देखें
हटाएं
103 परिणाम मिला

Amit Devendra Ojha 6 years 1 week पहले

सुझाव है की प्रत्येक राज्य के कार्यान्वयन फ्रेमवर्क को कार्यक्रम के लिए आवश्यक 3 महत्वपूर्ण चरणों को कवर करते हुए क्रियाकलापों की रूपरेखा के साथ तैयार किया जाना चाहिए|

(i) आयोजन चरण

(ii) कार्यान्यवन चरण

(iii) स्थायित्व चरण

Amit Devendra Ojha 6 years 1 week पहले

चूंकि स्वच्छता राज्य का विषय है, अत: कार्यनीति का फोकस राज्य सरकारों को अपनी कार्यान्वयन नीति एवं तंत्रों पर निर्णय लेने, राज्य विशिष्ट जरूरतों को ध्यान में रखने के लिए लोचनीयता प्रदान करके “स्वच्छ भारत” की ओर अग्रसर होना है| इस बात पर ध्यान केन्द्रित किया गया है कि राज्य एक कार्यान्वयन फ्रेमवर्क विकसित करें जिसका मिशन के अंर्तगत प्रावधानों का प्रभावी रूप से और पहलों के प्रभाव का अधिकतम उपयोग किया जा सकता है| भारत सरकार की भूमिका, तथा देश की अत्यधिक आवश्यकताओं को पूरा करने के संकेन्द्रित कार्यक

Amit Devendra Ojha 6 years 1 week पहले

घ) पारिस्थितिकीय रूप से सुरक्षित एवं स्थायी स्वच्छता के लिए लागत प्रभावी और संगत प्रौद्योगिकियों को बढ़ावा देना|

(ङ) जहाँ भी आवश्यक हो, ग्रामीण क्षेत्रों में सम्पूर्ण साफ-सफाई के लिए वैज्ञानिक ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन प्रणालियों पर ध्यान संकेन्द्रित करते हुए समुदाय प्रबंधित स्वच्छता प्रणालियों का विकास|

Amit Devendra Ojha 6 years 1 week पहले

स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के मुख्य उद्देश्य निम्न प्रकार हैं :

(क) स्वच्छता साफ- सफाई और खुले में शौच प्रथा समाप्त करने के बढ़ावा देकर ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों के सामान्य जीवन स्तर में सुधार लाना|

(ख) दिनांक 2 अक्टूबर, 2019 तक स्वच्छ भारत का विजन प्राप्त करने हेतु ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छता कवरेज की गति तेज करना|

(ग) जागरूकता रूप से सुरक्षित एवं स्थायी स्वच्छता के लिए लागत प्रभावी और संगत प्रौद्योगिकियों को बढ़ावा देना|

Amit Devendra Ojha 6 years 1 week पहले

तात्पर्य ग्रामीण क्षेत्रों में ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन गतिविधियों के जरिए स्वच्छता स्तरों को उन्नत बनाना तथा ग्राम पंचायतों को खुले में शौच प्रथा से मुक्त, स्वच्छ एवं साफ – सुथरा बनाना है| इस मिशन में कमियां दूर करने का प्रयास किया जाएगा जो इस समय प्रगति में रूकावट पैदा कर रही थी तथा परिणामों को प्रभावित करने वाले जटिल मुद्दों पर ध्यान संकेन्द्रित किया जाएगा|

Amit Devendra Ojha 6 years 1 week पहले

सर्वव्यापी स्वच्छता कवरेज हासिल करने के प्रयासों में वृद्धि करने तथा स्वच्छता पर ध्यान संकेन्द्रित करने हेतु, भारत के प्रधान मंत्री ने दिनांक 2 अक्टूबर, 2014 को स्वच्छ भारत मिशन की शुरूआत की है| सचिव, पेयजल और स्वच्छता मंत्रालय इस मिशन के समन्वयक होंगे| इस मिशन में दो घटक शामिल हैं- स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) तथा स्वच्छ भारत मिशन (शहरी) जिनका उद्देश्य महात्मा गाँधी की 150वीं वर्षगांठ की सही श्रद्धांजली प्रदान करने के रूप में 2019 तक स्वच्छ भारत की स्थिति प्राप्त करना है|

Amit Devendra Ojha 6 years 1 week पहले

पहले के सम्पूर्ण स्वच्छता अभिया कार्यक्रम के बदले “निर्मल भारत अभियान” 1.4.2012 से शुरू किया गया था| इसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छता कवरेज की गति तेज करना था ताकि नवीकृत कार्यनीतियों और स्वच्छता दृष्टिकोण के माध्यम से ग्रामीण समुदाय को व्यापक रूप से कवर किया जा सके| निर्मल भारत अभियान (एनबीए) में निर्मल ग्राम पंचायतों की दृष्टि से संतृप्तिकरण परिणामों के लिए समग्र समुदाय को कवर करने की परिकलपना की गई थी| निर्मल भारत अभियान के अंतर्गत, आईएचएचएल के लिए प्रोत्साहनों में वृद्धि की गई त

Amit Devendra Ojha 6 years 1 week पहले

स्वच्छता पर जागरूकता सृजित करने के लिए, प्रथम निर्मल ग्राम पुरस्कार 2005 में प्रदान किए गए थे जिनमें पूर्ण स्वच्छता कवरेज और खुले में शौच मुक्त ग्राम पंचायतों की स्थिति तथा अन्य संकेतकों को प्राप्त करना सुनिश्चित करने हेतु ग्राम पंचायत स्तर प्राप्त उपलब्धियों और किए गए उपायों को मान्यता प्रदान की गई| निर्मल स्थिति प्राप्त करने के लिए समुदाय में इच्छा जागृत करने के लिए इस पुरस्कार को लोकप्रियता प्राप्त हुए जबकि पुरस्कार प्राप्त कुछेक ग्राम पंचायतों में स्थायित्व के मुद्दे बने रहे हैं|

Amit Devendra Ojha 6 years 1 week पहले

1999 से “सम्पूर्ण स्वच्छता अभियान” के अंतर्गत “मांग जनित” दृष्टिकोण ने ग्रामीण लोगों के बीच जागरूकता तथा स्वच्छता सुविधाओं के लिए मांग सृजन में वृद्धि करने के लिए सूचना, शिक्षा और सम्प्रेषण, मानव संसाधन विकास, क्षमता विकास गतिविधियों पर अधिक जोर दिया| इससे लोगों की आर्थिक स्थिति के अनुसार, वैकल्पिक सूपूर्दगी तंत्रों के जरिए समुचित विकल्पों के चयन करने हेतु उनकी क्षमता में बढ़ोत्तरी करना है| गरीबी रेखा से नीचे के परिवारों को उनकी उपलब्धियों को मान्यता प्रदान करते हूए वैयक्तिक पारिवारिक शौचालयों के

Amit Devendra Ojha 6 years 1 week पहले

भारत में ग्रामीण स्वच्छता कार्यक्रम, भारत सरकार की प्रथम पंचवर्षीय योजना के रूप में 1954 में शुरू किया गया था| 1981 की जनगणना से पता चल किया गया था| 1981-90 के दौरान पेयजल एवं स्वच्छता के लिए अंतराष्ट्रीय दशक में ग्रामीण स्वच्छता पर जोर देना शुरू किया गया| भारत सरकार ने वर्ष 1986 में केन्द्रीय ग्रामीण स्वच्छता कार्यक्रम शुरू किया जिसका उद्देश्य प्राथमिक रूप से ग्रामीण लोगों के जीवन स्तर में सुधार लाना तथा महिलाओं को निजता एवं सम्मान प्रदान करना था