स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग
- Department of Building Construction
- Department of Cabinet Secretariat and Vigilance
- Department of Excise and Prohibition
- Department of Finance
- Department of Forest, Environment & Climate Change
- Department of Industries
- Department of Information & Public Relations
- Department of Law
- Department of Mines & Geology
- Department of Panchayati Raj
- Department of Personnel, Administrative Reforms & Rajbhasha
- Department of Planning & Development
- Department of Revenue, Registration & Land Reforms
- Department of Road Construction
- Department of Rural Works
- Department of Women, Child Development & Social Security
- अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, अल्पसंख्यक और पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग
- उच्च, तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग
- उर्जा विभाग
- कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग
- खाद्य ,सार्वजनिक वितरण एवं उपभोक्ता मामले विभाग
- गृह, कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग
- ग्रामीण विकास विभाग
- जल संसाधन विभाग
- नगर विकास एवं आवास विभाग
- परिवहन विभाग
- पर्यटन, कला-संस्कृति, खेल -कूद और युवा कार्य विभाग
- पेयजल एवं स्वच्छता विभाग
- मंत्रिमंडल (निर्वाचन) विभाग
- वाणिज्य कर विभाग
- श्रम,नियोजन एवं प्रशिक्षण विभाग
- सूचना प्रौद्योगिकी एवं ई-गवर्नेंस विभाग
- स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग
- स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग
मिड डे मील योजना (मध्याह्न भोजन)
Start Date: 01-11-2019
End Date: 30-11-2019
Bhawna 5 years 6 months पहले
संयुक्त समीक्षा मिशन (जेआरएम)
ऊपर बताई गई कमेटियों के अलावा संयुक्त समीक्षा मिशन (जेआरएम) भी इस स्कीम को और बेहतर बनाने के लिए कार्य करता हैं. केंद्र द्वारा गठित किए गए जेआरएम के सदस्य शैक्षणिक और पोषण विशेषज्ञ होते हैं. जो समय-समय पर क्षेत्रीय स्कूलों में जाकर इस स्कीम की समीक्षा करते हैं और उसके बाद अपनी रिपोर्ट को उस राज्य के साथ साझा करते हैं जिस राज्य के स्कूल के खाने की ये समीक्षा करते हैं.
Bhawna 5 years 6 months पहले
जिला स्तर
हर राज्य के प्रत्येक जिले में भी एक कमेटी का गठन इस स्कीम की निगरानी करने के लिए किया गया है. हर जिले की जिला स्तर समिति ये सुनिश्चित करती है कि उनके जिला स्तर के अंदर अपने वाले सभी लाभांवित स्कूलों में बच्चों को इस स्कीम के तहत अच्छा खाना दिया जाए. जिला स्तर समिति की अध्यक्ष लोकसभा के वरिष्ठ सदस्य द्वारा की जाती हैं.
स्थानीय स्तर पर
स्थानीय स्तर पर गांव शिक्षा समितियों (वीईसी), अभिभावक-शिक्षक संघ (पीटीए), स्कूल प्रबंधन समितियों (एसएमसी) के सदस्य, ग्राम पंचायत या ग्राम सभा के लोग, न
Bhawna 5 years 6 months पहले
नेशनल लेवल केमटी
नैशनल लेवल पर अधिकारित समिति, राष्ट्रीय स्तर की स्टीयरिंग-सह-निगरानी समिति (एनएसएमसी) और कार्यक्रम स्वीकृति बोर्ड (पीएबी) इस स्कीम की मॉनीटर करता है और ये कमेटी सीधे तौर पर मानव संसाधन विकास मंत्री द्वारा हेड की जाती हैं.
स्टेट लेवल
स्टेट लेवल पर राज्य स्तरीय संचालन-सह-निगरानी समिति इस स्कीम पर निगरानी रखती है और ये केमटी राज्य के मुख्य सचिव की अध्यक्षता में कार्य करती है.
Bhawna 5 years 6 months पहले
हर राज्य में बनाई गई हैं कमेटी (Committee)
मिड डे मील स्कीम को लेकर किसी तरह का घोटाला और लापरवाही ना बरती जाए इसलिए मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने कई कमेटी का गठन किया है. जिनमें से कुछ कमेटी नेशनल लेवल पर इस स्कीम पर निगरानी रखती है, जबकि कुछ स्टेट, जिला, नगर, ब्लॉक, गाँव और स्कूल लेवल पर इस स्कीम के कार्य को देखती है और ये सुनिश्चित करती है कि देश के हर स्कूल में सही तरह का खाना बच्चों को दिया जाए.
Bhawna 5 years 6 months पहले
किस मंत्रालय को सौंपी गई है जिम्मेदारी
मिड डे मील स्कीम को ह्यूमन रिसोर्स डेवलपमेंट मिनिस्ट्री द्वारा हमारे देश में चलाया जाता है और इस मंत्रालय द्वारा ही इस स्कीम से जुड़ी गाइडलाइंस बनाइ गई है. साथ ही इस मंत्रालय द्वारा कई ऐसी कमेटी में बनाई गई हैं जो कि इस स्कीम को और बेहतर बनाने के कार्य करती हैं
Bhawna 5 years 6 months पहले
सूखा प्रभावित क्षेत्रों के बच्चों को खाना मुहैया करवाना
इस स्कीम के तहत जिस दिन भी स्कूल खुले रहते हैं, उस दिन बच्चों को भोजना करवाना अनिवार्य होता हैं. वहीं गर्मी की छुट्टियों में स्कूल बंद होने के कारण बच्चों को भोजन नहीं मिल पाता है. लेकिन साल 2004 में सरकार ने गर्मी की छुट्टियों के दिन भी इस स्कीम को सूखा प्रभावित क्षेत्रों के स्कूलों में चलाए रखने का आदेश दिए थे. जिसके बाद से इन इलाकों के बच्चों को गर्मियों की छुट्टियों में भी भोजन दिया जाता था.
Bhawna 5 years 6 months पहले
ज्यादा से ज्यादा बच्चे स्कूल आ सकें
जो दूसरा सबसे बड़ा उद्देश्य मिड डे मील का है वो शिक्षा से जुड़ा हुआ है. इस स्कीम के जरिए बच्चों को खाना उपलब्ध करवाया जाता है और ऐसा होने से कई गरीब परिवार ने अपने बच्चों को स्कूल भेजना स्टार्ट कर दिया है.
Bhawna 5 years 6 months पहले
मिड डे मील स्कीम के उद्देश्य (Objectives)
मिड डे मील बच्चों से जुड़ी हुई योजना है जिसका मकसद बच्चों को अच्छा भोजना मुहैया करवाना है और इस स्कीम के उद्देश्य इस प्रकार हैं-
बच्चों का बेहतर विकास हो
आज भी हमारे देश में कई ऐसे लोग हैं जो कि अपने परिवार को दो वक्त का खाना देने में असमर्थ हैं. जिसके कारण इन परिवार से नाता रखने वाले छोटे बच्चों का मानसिक विकास पूरा नहीं हो पाता है. इसलिए सरकार, सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले गरीब बच्चों को मिड डे मील के जरिए पोषक भोजन उपलब्ध करती हैं
Bhawna 5 years 6 months पहले
इस स्कीम के अनुसार जो भी बच्चे ऊपर बताए गए स्कूलों के प्राइमरी और अपर प्राइमरी कक्षा में पढ़ाई करते हैं उन्हें हर रोज (जिन दिनों स्कूल खुले होते हैं) मुफ्त में मध्यान भोजन करवाना अनिवार्य हैं.
Bhawna 5 years 6 months पहले
किन स्कूलों के बच्चों को मिलता है इस स्कीम से फायदा
इस स्कीम की मदद से सरकारी स्कूलों के प्राइमरी और अपर प्राइमरी कक्षा के छात्रों को, सरकार सहायता, स्थानीय निकाय, शिक्षा गारंटी योजना से जुड़े स्कूलों के छात्रों को, वैकल्पिक अभिनव शिक्षा केंद्र, मदरसे और श्रम मंत्रालय द्वारा संचालित राष्ट्रीय बाल श्रम परियोजना स्कूल में पढ़ने वाले छात्रों को फायदा मिलता है.