२ अक्टूबर २०१४ को शुरू किया गया स्वच्छ भारत मिशन अब तक का सबसे बड़ा स्वच्छता अभियान है ,जिसे २०१९ तक पूर्ण करने का लक्ष्य निर्धारित है । स्वच्छ सर्वेक्षण २०१९ में सफलता प्राप्त करने हेतु आम जन के सहयोग से सभी नगर निकायों ने अथक प्रयास किया है ।मिशन को सफल बनाने के लिए व्यक्तिगत सामुदायिक एवं सार्वजानिक शौचालयों का निर्माण कराया गया हैसाथ ही स्वच्छता अभियान ,प्रचार प्रसार गतिविधियां ,होर्डिंग्स ,बैनर ,डस्टबिन का प्रयोग ,प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के माध्यम से अन्य जागरूकता गतिविधियां आयोजित की गई हैं।
इस सम्बन्ध में कुछ महत्वपूर्ण कदम उठाये गए हैं
१.गिरिडीह में महिलाओं के लिए कराया गया पिंक टॉयलेट का निर्माण ।
आप सबों ने महिलाओं के लिए आरक्षित पिन ऑटो देखा होगा ,अब महिला विशेष के लिए राज्य के नगर निकायों में पिंक टॉयलेट की व्यव्य्स्था की जा रही है। खास पिंक रंग से पेंट किये गए इन टॉयलेट में महिलाओं के लिए विशेष सुविधा उपलब्ध हैं जो अन्य टॉयलेट में नहीं होती है , इसलिए इनका नाम पिंक टॉयलेट दिया गया है , पिंक टॉयलेट के लिए जगह का चुनाव बहुत सोच विचार के बाद किया जा रहा है। कमर्शियल सेंटर पर बड़ी तादाद में महिलाएं और बालिकाएं शॉपिंग के लिए आती हैं,लेकिन उनके लिए अलग से कोई शौचालय नहीं होने से उन्हें काफी परेशानी आती थी । बच्चों के साथ आने वाली महिलाओं को टॉयलेट इस्तेमाल में होने वाली परेशानी और उन्हें एक ही जगह पर सभी सुविधाएं दिए जाने के विचार के साथ निर्मित पिंक टॉयलेट में साफ़-सफाई का ख़ास ध्यान रखा गया है।टॉयलेट में महिलाओं को सुविधा के लिए सेनेटरी नैपकिन की उपलब्धता हेतु सेनेटरी नैपकिन वेंडिंग मशीन भी लगी है।अब महिलाएं बिना संकोच और डर के इसका इस्तेमाल कर सकती हैं।
२.स्वच्छ सर्वेक्षण अभी तक का सफर
वर्ष २०१४ में स्वच्छ भारत मिशन ,स्वच्छता के लिए एक राष्ट्रव्यापी अभियान के रूप में शुरू किया गया । झारखण्ड का प्रदर्शन स्वच्छ सर्वेक्षण २०१६ में उत्साहजनक नहीं था ,लेकिन स्वच्छ भारत मिशन २०१७ में झारखण्ड के प्रदर्शन में काफी सुधार हुआ और राज्य को देश में तीसरा स्थान प्राप्त हुआ।
३.निकायों में १०० प्रतिशत कचड़ा उठाने का दिया गया निर्देश ।
नगर विकास एवं आवास विभाग ने प्रदेश के नगर निकायों में डोर टू डोर कचरा उठाने की दिशा में पहल शुरू कर दी है।सभी नगर निकायों को निदेशित किया गया है कि सभी घरों से कचरा उठाव सुनिश्चित किया जाये।निकायों द्वारा प्रत्येक घर से कचरा उठाव का कार्य प्रारम्भ कर दिया गया है , साथ ही गीला/सूखा कचरा को अलग-अलग निस्तारण करने का कार्य भी प्रारम्भ कर दिया गया है।
४.प्रशिक्षु आईएएस कि टीम ने स्वच्छ भारत मिशन सहित अन्य योजनाओं को जाना ।
१८ प्रशिक्छु आईएएस कि टीम १२ जनवरी को रांची पहुंची । प्रोजेक्ट भवन स्थित सभाकक्ष में नगर विकास एवं आवास विभाग के सचिव श्री अजय कुमार सिंह ने प्रशिक्षु अधिकारियों को केंद्र प्रायोजित योजनाओं कि जानकारी दी । विभिन्न योजनाएं - स्मार्ट सिटी मिशन , अमृत , प्रधानमंत्री आवास योजना , स्वच्छ भारत मिशन , नमामि गंगे योजनाओं से अवगत कराया । मौके पर सूडा के निदेशक श्री अमित कुमार ने सभी प्रशिक्षु अधिकारीयों को विभिन्न नगर निकायों द्वारा किये जा रहे कार्यों से अवगत कराया।
५.स्वच्छ भारत मिशन-शहरी ,ODF ,ODF +और ODF ++
आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय भारत सरकार ने देश के ४३७९ शहरी स्थानीय निकायों को स्वच्छ भारत मिशन के तहत अक्टूबर २०१९ तक खुले में शौच मुक्त के रूप में प्रमाणित करने के लिए गुणवत्ता परिषद् ,फबद्ध की स्थापना की है।स्वच्छ भारत मिशन;शहरीद्ध का उद्देश्य नागरिकों के लिए स्वच्छ और उपयोगी शौचालय सुविधा उपलब्ध करना है।दवभ्न द्वारा निर्धारित प्रोटोकॉल के आधार पर प्रमाणित हो चुके शहर और घोषित करने हेतू प्रमाण के लिए आवेदन करने की योग्यता रखते हैं।उक्त आलोक में झारखण्ड के ४० शहरी स्थानीय निकायों ने ODF + प्रमाणीकरण के लिए आवेदन दिया ,वही शहरी स्थानीय निकाय - जमशेदपुर अधिसूचित क्षेत्र समिति ने ODF ++ प्रमाणीकरण के लिए आवेदन दिया है। उसकी जांच क्वालिटी कॉउन्सिल ऑफ़ इंडिया द्वारा की जा रही है ,जिसके परिणाम जल्द घोषित किये जाएंगे।
६.झारखण्ड राज्य को खुले में शौचमुक्त करने के लिए बनाये गए विभिन्न शौचालय ।
७.रसोई के कचरे से खाद निर्माण ।
कम्पोस्टिंग के लिए ४ चीज़ों का होना बहुत आवश्यक होता है।
१ सुखी पत्तियां,धुल मिटटी ,काग़ज़ : कार्बन
२ बचे खुचे फल और सब्जियों के कचरा से :नाइट्रोजन
३ हमारा वायुमंडल:ऑक्सीजन
४ पानी की सही मात्रा ,ताकि ऊपर के तीनो चीजों को मिलकर बना कचरा सड़ सके ।
a. घर पर उपलब्ध चीजों से कम्पोस्ट बनाने की आसान विधि :-
एक बड़ा सा मिटटी का मटका या एक बाल्टी ले लीजिये ।आप चाहे तो घर के पीछे एक छोटा सा गड्ढा भी खोद सकते हैं। उसके बाद कम्पोस्ट बिन के चारों ऒर ४-५ छेद कर दे जिस से उसमे रखे जाने वाले कूड़े में हवा लग सके ।
b. उस पात्र के नीचले भाग में थोड़ी सी मिटटी बिछा दे ।उसके बाद गीले कचरे को और सूखे कचरे को एक के ऊपर एक थोड़े थोड़े परतों में उस पत्र में डालते जाएँ। जब वो पत्र दोनों प्रकार सूखे और गीले कचरे के परतों से भर जाये तो उसे किसी लकड़ी के फटे से ढक दे ।ढकने से पत्र के अंदर नमी या गीलापन बना रहता है।
c. कुछ दिनों तक देखते रहें ।अगर पत्र के अंदर मिश्रण ज्यादा सूखा हुआ है ,हाथ से हल्का -हल्का पानी का छिड़काव करें और दोबारा ढक दें।
d. २-३ महीने बाद सूखा खाद बनना शुरू हो जायेगा,जो दिखने में गाढ़ा और काला सा होता है।झाखंड राज्य के कुछ निकायों के महिला समूहों द्वारा इस प्रकार से कम्पोस्ट तैयार करना शुरू भी किया गया है।अगर आप और बेहतर तरीके से बनाना चाहते हैं तो compost bin का भी प्रयोग कर सकते हैं,जो बाजार में उपलब्ध होता है।
स्वच्छ सर्वेक्षण २०१९ हेतु निकायों द्वारा लिए गए कुछ कदम
a.हस्ताक्षर अभियान के माध्यम से जिले को अव्वल बनाने का लिया गया संकल्प।
स्वच्छता अभियान को लेकर सिमडेगा नगर परिषद् की ऒर से हस्ताक्षर अभियान चलाया गया ।नगर परिषद् कार्यालय के निकट विशाल बैनर लगाकर लोगों से उनके सुझाव मांगे गए।साथ ही उनके योगदान के बारे में भी बैनर पर अंकित करने को कहा गया ।इस मौके पर वार्ड पार्षदों ने भी हस्ताक्षर किये।बैनर में कचरा निष्पादन,शौचालय एवं मूत्रालय के उपयोग,शहर को खुले में शौच मुक्त बनाने से सम्बंधित प्रश्न पूछते हुए साफ़ सफाई से सम्बंधित शिकायतों के बारे में भी पूछा गया । काफी संख्या में logo ने बैनर पर हस्ताक्षर करते हुए अपनी सक्रियता दिखाई ।
b. फूल,बेलपत्र व पूजन अपशिष्ट से बनाई जा रही जैविक खाद।
विश्व प्रसिद्ध बाबा बासुकीनाथ के दरबार में श्रावण माह में करीब डेढ़ लाख तक एवं अन्य दिनों में भी करीब १०००० भक्तो की भीड़ जुटती है।इन भक्तों के द्वारा बाबा बासुकीनाथ पर फूल,बेलपत्र सहित विभिन्न प्रकार के पुष्प अर्पित किये जाते हैं।इन पूजन अपशिष्टों को व्यर्थ न फेंकते हुए इनसे जैविक खाद बनाये जाने की प्रक्रिया प्रारम्भ की गई है।यह योजना झारखण्ड सरकार के नगर विकास एवं आवास विभाग के निर्देश पर स्वच्छ भारत मिशन के तहत कचरे को सुरक्षित निपटारे हेतु बासुकीनाथ नगर पंचायत द्वारा संचालित की जा रही है।इसमें बासुकीनाथ मदिर के पूजन अपशिष्टों के अलावा नगर पंचायत क्षेत्र से संग्रह किये जाने वाले गीले व सूखे कचरे से भी जैविक खाद बनाने की प्रक्रिया शुरू की गई है।इसके तहत मंदिर में प्रतिदिन चढ़ाये जानेवाले हजारों किलोग्राम फूल।बेलपत्र व पूजन अपशिष्ट के सुरक्षित निपटान के लिए बासुकीनाथ बस स्टैंड में इन्हे एकत्रित कर इनसे जैविक खाद बनाया जा रहा है।
c. जमशेदपुर के शौचालयों में लग रही पैड वेंडिंग मशीन ।
स्वच्छ भारत सर्वेक्षण २०१९ में बेहतर अंक के लिए जमशेदपुर अधिसूचित क्षेत्र समिति जे एन ए सी के सामुदायिक शौचालय में पैड वेंडिंग मशीने लगाई जा रही है।पिछले महीने से ही जे एन ए सी द्वारा सामुदायिक शौचालयों में सेनेटरी पैड वेंडिंग मशीन और पैड डिस्पोजल मशीने लगानी शुरू की गई है।यह सुविधा शुरू करने वाला जे एन ए सी राज्य का पहला स्थानीय निकाय है।जे एन ए सी द्वारा पांडेय घाट, भुइयांडीह ,सती घाट व सबस्टेशन घाट ,कदमा,दोमुहानी , सोनारी,निर्मल बस्ती ,बारीडीह,बागुनहातु,बाबूडीह में मशीने लगाई गई है। इस सेनेटरी पैड वेंडिंग मशीन में लगभग २५ पैड के भंडारण की क्षमता है,मशीने ५ रूपये का सिक्का डालने पर सेनेटरी पैड उपलब्ध कराएगी।वही डिस्पोजल मशीने में इस्तेमाल पैड को ढक्कन खोलकर डालना है और बटन द्वारा निपटारा करना है।जे एन ए सी के पदाधिकारी द्वारा बताया गया कि सामुदायिक शौचालयों में मशीने लगाने का काम जारी है।सभी सामुदायिक शौचालय खुले स्थानों पर है इसलिए इन सुविधाओं कि आवश्यकता थी।
स्वच्छ भारत मिशन को सफल बनाने के लिए Jharkhand.mygov.in पर नागरिकों का सुझाव आमंत्रित है
Amit Devendra Ojha 6 years 1 week पहले
ग्रामीण परिवारों के लिए वैयक्तिक पारिवरिक शौचालय इकाइयों के लिए प्रोत्साहनों का प्रावधान ऐसे राज्यों को उपलब्ध है, जो उसे उपलब्ध कराने के इच्छुक हों ताकि विस्तृत प्रेरणात्मक और व्यवाहरिक परिवर्तन पहलों के अलावा, अवस्थापना को सृजन हेतु प्रत्येक्ष सहायता उपलब्ध है| अधिकतम कवरेज के लिए इसका प्रयोग किया जा सकता है ताकि सामूदायिक परिणाम प्राप्त किए जा सकें|
Amit Devendra Ojha 6 years 1 week पहले
इनमें से प्रत्येक व्यक्ति के क्षमता निर्माण को सुनिश्चित किया जाएगा| समुदाय के साथ सम्प्रेषण करने हेतु ऐसे व्यक्तियों तथा स्वास्थय व आईसीडीएस कर्मियों को भूमिका ख़राब स्वच्छता और खुले में शौच तथा उनके स्वास्थ्य पर उनके प्रभावों पर जोर देगी|
Amit Devendra Ojha 6 years 1 week पहले
यदि सीएसओ मार्ग अपनाया जाता है तो सीएसओ के लिए स्वच्छता दूत उत्तरदायी होंगे जो ऐसे स्वच्छता दूतों को प्रोत्साहनों का भुगतान करने की जिम्मेवारी भी लेंगे| प्रत्येक गाँव में एक समुदाय-आधारित ग्राम समिति, जो गाँव के प्रत्येक परिवार में प्रत्येक व्यक्ति द्वारा शौचालयों के निर्माण तथा उनके सतत रूप से प्रयोग में मदद करने के लिए जिम्मेवार होगी, द्वारा समर्थित कम से कम एक व्यक्ति अथवा व्यक्तियों की जरूरत होगी
Amit Devendra Ojha 6 years 1 week पहले
यदि किसी मामले में, अन्य लाइन विभागों के मौजूदा कर्मचारियों का प्रयोग किया जाना है, स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत गतिविधियों को शामिल करने हेतु उनकी भूमिकाओं का विस्तार करने हेतु उनके लाइन विभागों को एक स्पष्ट करार करना होगा| इसके अलावा, ग्रामों में स्वच्छता दूतों का संवर्ग सृजित करने के लिए एक विकल्प के रूप में राज्य परस्पर सहमत प्रोत्साहन ढांचे के साथ सिविल सोसाइटी संगठनों के ज़रिये कार्य कर सकते हैं
Amit Devendra Ojha 6 years 1 week पहले
स्वच्छता पर घर – घर संदेश देने वाले लोगों अथवा “स्वच्छता दूतों” का विकास किया जाना है तथा जैसे कि पंचायती राज संस्थाओं, स्व: सहायता समूहों, जल लाइन मैन/पंप आपरेटर आदि जो पहले से ही ग्राम पंचायतों अथवा इस प्रयोजन हेतु विशेष रूप से नियोजित स्वच्छता दूतों के माध्यम से कार्य कर रहे हैं, के माध्यम से किया जाएगा|
Amit Devendra Ojha 6 years 1 week पहले
कार्यान्यवन तंत्र के महत्वपूर्ण सुदृढ़करण की परिकल्पना है| राज्य, जिला और ब्लॉक स्तरों पर प्रशासनिक तथा तकनीकी विशेषज्ञ (अर्थात आईईसी तथा बी.सी.सी, क्षमता निर्माण, तकनीकी तथा मूल्यांकन) उपलब्ध कराये जायेंगे|
Amit Devendra Ojha 6 years 1 week पहले
समकक्ष दबाव पैदा करने के लिए समुदाय-आधारित निगरानी एवं सतर्कता समितियों का होना जरूरी है| सामुदायिक जरूरतों को पूरा करने हेतु सूपूर्दगी तंत्र को अपनाना होगा जिसका निर्णय राज्यों द्वारा लिया जाएगा| पूर्णता प्राप्त करना और उसके परिणामी निहितार्थों के संदर्भ, यह सुझाव दिया जाता है कि कार्यान्वयन के लिए आयोजन बनाने की जिम्मेवारी जिले स्तर पर होनी चाहिए ताकि ग्राम पंचायतों के लिए उपयुर्क्त लक्ष्य निर्धारित किया जा सके तथा पूरे जिले में आईईसी/आईपीसी/सामाजिक एकजुटता अभियान चलाया जा सके|
Amit Devendra Ojha 6 years 1 week पहले
चूंकि खुले में शौच मुक्त ग्रामों की स्थिति तब तक प्राप्त नहीं की जा सकती है जब तक कि सभी परिवार और अलग – अलग व्यक्ति प्रतिदिन, हर बार शौचालय का प्रयोग के प्रति अपेक्षित व्यवहार के अनुरूप न हों तथा बाहरी व्यक्तियों पर सामुदायिक कारवाई और समकक्ष दबाव का सृजन होना मुख्य मुद्दे हैं|
Amit Devendra Ojha 6 years 1 week पहले
सुझाव दिए गए दृष्टिकोण को समुदाय नीत और समुदाय संतृप्तिकरण दृष्टिकोणों को अपनाने के लिए होगा जिसमें सामूहिक व्यवहार परिवर्तन पर अधिक ध्यान दिया जाएगा| जागरूकता सृजन, व्यवहारगत बदलाव लाने तथा घरों, विद्यालयों, आंगनबाडियों, सामुदायिक एकजुटता वाले स्थानों तथा ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन गतिविधयों में स्वच्छता सुविधाओं के लिए मांग सृजन पर बल दिया जाएगा| अंतर-वैयक्तिक सम्प्रेषण विशेषकर मांग में बदलाव लाने तथा सामाजिक और व्यवहारिक परिवर्तन सम्प्रेषण तथा घर-घर आकर पहलों के माध्यम से शौचालयों का प्रयोग
Amit Devendra Ojha 6 years 1 week पहले
इन प्रत्येक चरणों में गतिविधियाँ शामिल होगी जिन्हें ठोस कार्य योजना के साथ विशेष रूप से पूरा किये जाने की आवश्यकता होगी|
3.2 एसबीएम कार्यक्रम कार्यान्वयन का एक योजनागत निर्देशन एक दृष्टान्त मॉडल के रूप में नीचे प्रस्तुत किया गया है
3.3 कार्यान्वयन फ्रेम वर्क निर्धारित की गई विभिन्न पहलों के संदर्भ में, कतिपय दृष्टिकोणों पर विचार किया जाएगा|